कृषि ऋण एक प्रकार का वित्तीय सहायता होता है जो किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों के लिए दिया जाता है। इस ऋण का उपयोग किसान नई जमीन खरीदने, बीज, खाद, और कीटनाशक जैसे आवश्यक सामानों की खरीद, कृषि उपकरणों और मशीनरी के अधिग्रहण, सिंचाई प्रणाली की स्थापना, अनाज भंडारण, और फसल उगाने की अन्य प्रक्रियाओं के लिए कर सकते हैं। कृषि ऋण को सरकार और वित्तीय संस्थान, जैसे बैंक और माइक्रोफाइनेंस कंपनियाँ, विभिन्न योजनाओं और ब्याज दरों पर प्रदान करते हैं। इसका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और उन्हें कृषि कार्यों में सहायता प्रदान करना है।
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कृषि लोन के प्रकार (Types of Agricultural Loans)
भारत में विभिन्न बैंकों और अन्य उधारदाताओं द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रमुख कृषि लोन निम्नलिखित हैं:
लोन की अवधि के आधार पर:
- फसल लोन / किसान क्रेडिट कार्ड (खुदरा कृषि लोन): किसान क्रेडिट कार्ड या किसान कार्ड एक शॉर्ट-टर्म कृषि लोन है, जो फसलों की खेती, फसल कटाई के बाद की गतिविधियों, और कृषि उपकरणों की मरम्मत जैसी तत्काल जरूरतों के लिए उपयुक्त है। यह आमतौर पर एक इलेक्ट्रॉनिक RuPay कार्ड के रूप में उपलब्ध होता है, जिसका उपयोग किसान खरीदारी करने और एटीएम से पैसे निकालने के लिए कर सकते हैं। यह कार्ड किसानों को उनकी दैनिक कृषि जरूरतों के लिए सुविधाजनक वित्तीय समाधान प्रदान करता है।
- कृषि टर्म लोन: यह लॉन्ग-टर्म लोन होता है, जो विभिन्न बैंकों और लोन संस्थानों द्वारा कृषि संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए 48 महीनों तक की अवधि के लिए प्रदान किया जाता है। इस लोन की राशि का उपयोग नई मशीनरी खरीदने, मौजूदा मशीनरी को अपग्रेड करने, सौर ऊर्जा या पवन चक्कियों की स्थापना जैसी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। बैंकों द्वारा इस लोन के लिए 3 से 4 साल की भुगतान अवधि प्रदान की जाती है, जिससे आप उधार ली गई राशि का मासिक, द्वि-वार्षिक, या वार्षिक EMI के रूप में भुगतान कर सकते हैं।
उपयोग के आधार पर(Based on usage)
भारत में विभिन्न बैंकों और अन्य उधारदाताओं द्वारा दिए जाने वाले प्रमुख कृषि लोन उनके उपयोग के आधार पर निम्नलिखित हैं:
- फसल लोन: यह लोन मुख्य रूप से फसलों की बुवाई, देखभाल, और कटाई के लिए दिया जाता है। किसान इस लोन का उपयोग बीज, खाद, कीटनाशक, और अन्य आवश्यक कृषि सामग्रियों की खरीददारी के लिए कर सकते हैं। फसल लोन आमतौर पर शॉर्ट-टर्म होता है और इसे फसल की कटाई के बाद वापस चुकाना होता है।
- किसान क्रेडिट कार्ड: यह एक बहुपरकारी लोन विकल्प है जो किसानों को उनके दैनिक कृषि खर्चों के लिए सुविधा प्रदान करता है। कार्ड के माध्यम से किसान एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं और विभिन्न कृषि संबंधित खरीदारी कर सकते हैं। यह लोन फसलों की खेती, उपकरणों की मरम्मत, और अन्य तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त है।
- अधिशेष/लंबी अवधि के कृषि लोन: यह लोन बड़ी कृषि परियोजनाओं के लिए होता है, जैसे नई मशीनरी की खरीद, मौजूदा मशीनरी का अपग्रेड, सिंचाई प्रणाली की स्थापना, या ऊर्जा उत्पादन के लिए सौर पैनल और पवन चक्कियों की स्थापना। यह लोन लॉन्ग-टर्म होता है और इसकी अवधि 48 महीनों तक हो सकती है, जिससे किसान बड़ी राशि को आसान किश्तों में चुकाने की सुविधा प्राप्त करते हैं।
- फसल बीमा लोन: यह लोन फसल बीमा के लिए प्रदान किया जाता है, जिससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों, और अन्य जोखिमों से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलती है। इस लोन का उपयोग फसल बीमा प्रीमियम का भुगतान करने के लिए किया जाता है।
कृषि लोन: अन्य लोन प्रकार
कृषि लोन के अन्य प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर लोन: यह लोन कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि भंडारण सुविधाओं, सिंचाई चैनलों, और खेत की सड़कों के निर्माण या उन्नयन के लिए प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य किसानों के लिए कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है, जिससे उनकी उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
- वृक्षारोपण लोन: इस प्रकार का लोन विशेष रूप से वृक्षारोपण परियोजनाओं के लिए प्रदान किया जाता है, जैसे कि फलों और लकड़ी के पेड़ों की खेती। किसान इसका उपयोग पौधों की खरीद, भूमि की तैयारी, और अन्य संबंधित खर्चों के लिए कर सकते हैं।
- कृषि लीज लोन: यह लोन किसानों को भूमि पट्टे पर लेने के लिए दिया जाता है। किसानों को भूमि पट्टे पर लेने और कृषि कार्य शुरू करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- फार्म मशीनरी लोन: यह लोन कृषि मशीनरी, जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, और अन्य आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान किया जाता है। यह किसानों को उन्नत मशीनरी के उपयोग से उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।
- कृषि उद्यमिता लोन: यह लोन किसानों को कृषि संबंधित व्यवसायों, जैसे कृषि प्रसंस्करण इकाइयाँ, कृषि उत्पादकता केंद्र, और वाणिज्यिक फार्म स्थापित करने के लिए प्रदान किया जाता है। इसका उद्देश्य कृषि में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
- अनुसंधान और विकास लोन: यह लोन उन किसानों या कृषि संगठनों को प्रदान किया जाता है जो कृषि अनुसंधान और विकास परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं। इसमें नई किस्मों की खेती, कृषि तकनीकों का विकास, और अन्य अनुसंधान गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं।
इन लोन प्रकारों का उद्देश्य किसानों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करना और उनकी कृषि गतिविधियों को अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाना है।
कृषि लोन के लिए योग्यता शर्तें (Eligibility Criteria for Agriculture Loan)
- किसान या कृषि व्यवसायी होना: आवेदक को किसान या कृषि से संबंधित व्यवसाय का होना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोन का उपयोग कृषि कार्यों के लिए किया जाएगा।
- उम्र की शर्तें: आमतौर पर, आवेदक की उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। कुछ मामलों में, विशेष शर्तें लागू हो सकती हैं।
- भूमि का स्वामित्व या पट्टा: आवेदक के पास कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व या पट्टा होना चाहिए। लोन की राशि और पात्रता भूमि के आकार और प्रकार पर निर्भर कर सकती है।
- स्थायी निवास: आवेदक को संबंधित क्षेत्र का स्थायी निवासी होना चाहिए जहाँ वह कृषि गतिविधियाँ करता है।
- कृषि संबंधी अनुभव: कुछ लोन योजनाओं के लिए, आवेदक को कृषि कार्यों का अनुभव होना आवश्यक हो सकता है।
- क्रेडिट स्कोर: बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा आवेदक के क्रेडिट स्कोर की समीक्षा की जाती है। अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले आवेदक को लोन मिलने की संभावना अधिक होती है।
- आय का स्रोत: आवेदक को यह साबित करना होगा कि उनकी आय कृषि से संबंधित है और वे लोन की किस्तों का भुगतान कर सकते हैं।
- लोन की वापसी की क्षमता: आवेदक को यह दिखाना होगा कि वे लोन की राशि को समय पर चुकता करने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए एक उचित व्यवसाय योजना और वित्तीय पूर्वानुमान प्रस्तुत करना पड़ सकता है।
- कागजी कार्रवाई: आवेदक को सभी आवश्यक दस्तावेज़ और प्रमाणपत्र जैसे कि भूमि के स्वामित्व के दस्तावेज़, पहचान प्रमाण, और आय प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।
ये शर्तें विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं, इसलिए आवेदन करने से पहले संबंधित संस्थान से विशेष शर्तों और आवश्यकताओं की जानकारी लेना महत्वपूर्ण है।
कृषि लोन: ज़रूरी दस्तावेज़
कृषि लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़:
- पहचान प्रमाण:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पते का प्रमाण:
- आधार कार्ड (यदि पता समान हो)
- बिजली बिल
- दूरसंचार बिल
- निवास प्रमाण पत्र
- भूमि के दस्तावेज़:
- भूमि के स्वामित्व के दस्तावेज़ (खसरा खाता, जमाबंदी, या भूमि दस्तावेज़)
- भूमि पट्टा (यदि भूमि पट्टे पर ली गई हो)
- आय प्रमाण:
- कृषि आय का विवरण
- पिछले वर्षों के फसल उत्पादन रिपोर्ट
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6-12 महीने)
- फसल या कृषि गतिविधि का विवरण:
- फसल का प्रकार और क्षेत्रफल
- कृषि गतिविधियों की योजना और विवरण
- बैंक खाता विवरण:
- चालू बैंक खाता की पासबुक या बैंक स्टेटमेंट
- क्रेडिट रिपोर्ट:
- क्रेडिट रिपोर्ट (कुछ बैंकों द्वारा आवश्यक)
- कृषि उपकरण और मशीनरी की जानकारी:
- यदि लोन का उपयोग मशीनरी या उपकरण खरीदने के लिए किया जा रहा है, तो उनके विवरण और अनुमानित लागत
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